1971 के रजाकार आरक्षण विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में कैसे वापस आ गए हैं
“तुई के? अमी के? रजाकार, रजाकार! के बोलेचे, के बोलेचे, सैराचार- सैराचार।” यह नारा जिसका अर्थ है ‘तुम कौन हो? मैं कौन हूँ? रजाकार, रजाकार! कौन कहता है, कौन कहता है, तानाशाह, तानाशाह!’ ढाका की सड़कों पर गूंज रहा था, जब कई कॉलेजों के छात्र नौकरी कोटा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों … Read more