NEET मामले में गिरफ्तार छात्र कोटा में कर रहा था तैयारी, बताया गया मामला सुलझ गया

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NEET मामले में गिरफ्तार छात्र कोटा में कर रहा था तैयारी, बताया गया मामला सुलझ गया

NEET विवाद ने देश भर में विरोध प्रदर्शन को जन्म दे दिया है, छात्र पुनः परीक्षा की मांग कर रहे हैं

पटना:

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के कथित पेपर लीक के सिलसिले में गिरफ्तार 22 वर्षीय एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया है कि उसके चाचा ने उसे आश्वासन दिया था कि परीक्षा की तैयारी हो चुकी है और उन्होंने उसे कोटा से वापस बुलाया था, जहां वह परीक्षा की तैयारी कर रहा था।

अनुराग यादव उन चार लोगों में शामिल हैं जिन्हें बिहार में पेपर लीक मामले में गिरफ़्तार किया गया है। इस मामले ने देशभर में विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया है और केंद्र सरकार को बैकफुट पर ला खड़ा किया है। देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए 5 मई को कुल 24 लाख उम्मीदवारों ने NEET की परीक्षा दी थी। 4 जून को नतीजे आने के बाद कई अनियमितताएँ सामने आईं, जिसके बाद दोबारा परीक्षा कराने की माँग उठने लगी।

पुलिस को दिए गए अपने बयान में अनुराग ने कहा है कि वह कोचिंग हब कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। “मेरे चाचा सिकंदर यादवेंदु दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर के पद पर काम करते हैं। उन्होंने मुझे समस्तीपुर वापस आने को कहा। उन्होंने कहा ‘एग्जाम का सेटिंग हो चुका है‘ (परीक्षा पूरी हो गई) मैं समस्तीपुर लौट आया और मेरे चाचा ने मुझे अमित आनंद और नीतीश कुमार के घर छोड़ दिया।’

अनुराग ने अपने बयान में कहा है कि अमित आनंद और नीतीश कुमार ने उसे कुछ सवाल और जवाब दिए और उसे याद करने को कहा। उन्होंने कहा, “अगले दिन जब मैं परीक्षा देने गया तो मुझे वो सारे सवाल मिले जो मैंने पहले से तैयार किए थे। परीक्षा के बाद पुलिस ने अचानक मुझे गिरफ्तार कर लिया।”

सिकंदर यादवेंदु, अमित आनंद और नीतीश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है।

सिकंदर ने पुलिस को बताया कि अमित और नीतीश ने NEET के प्रश्नपत्र के लिए प्रति छात्र 30-32 लाख रुपए मांगे थे। उसने कथित तौर पर कहा, “मैंने उनसे कहा कि मेरे चार छात्र परीक्षा दे रहे हैं। लालच में आकर मैंने प्रत्येक छात्र से कहा कि उन्हें प्रश्नपत्र के लिए 40 लाख रुपए देने होंगे।”

इस साल NEET में कई अनियमितताएं सामने आई हैं: 67 छात्रों ने 720/720 अंक प्राप्त किए हैं और उनमें से छह हरियाणा के एक ही केंद्र से हैं। इस बार हाई कट ऑफ ने कई छात्रों को असमंजस में डाल दिया है कि उन्हें मेडिकल कॉलेज की सीट मिलेगी या नहीं।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि कुछ केंद्रों पर समय की बर्बादी के कारण ग्रेस मार्किंग के कारण उच्च अंक मिले हैं। केंद्र और एनटीए ने कहा कि उन्होंने 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस अंक रद्द कर दिए हैं। अनियमितताओं की खबरों के बीच, परीक्षार्थियों का एक वर्ग दोबारा परीक्षा की मांग कर रहा है।

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