मुंबई:
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के पास बदलापुर के एक स्कूल में दो चार वर्षीय लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले का संज्ञान लिया है। इस मामले ने पूरे शहर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है और कथित रूप से शामिल 23 वर्षीय क्लीनर के लिए मौत की सजा की मांग की जा रही है।
17 अगस्त को गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी ने कथित तौर पर स्कूल के शौचालय में लड़कियों के साथ मारपीट की थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आज मामले की सुनवाई शुरू की। मामले की सुनवाई जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ करेगी।
सरकार ने केजी की छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न की जांच के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है।
आक्रोश इस बात से भी बढ़ गया है कि लड़कियों के माता-पिता को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सरकार ने इस मामले में शामिल तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है और कहा है कि मामले की त्वरित सुनवाई की जाएगी तथा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।