असदुद्दीन औवेसी ने कहा, ”हमने जाति, पंथ, धर्म से ऊपर उठकर काम किया है.”
नई दिल्ली:
एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस टिप्पणी का मजाक उड़ाया, जिसमें उन्होंने “रजाकार” शब्द का इस्तेमाल करते हुए उनकी पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, श्री शाह को अपना जवाब हैदराबाद के लोगों से मिलेगा, जिन्हें इस तरह अपमानजनक तरीके से चित्रित किया जा रहा है।
श्री ओवैसी ने एक विशेष साक्षात्कार में एनडीटीवी को बताया, “अमित शाह के पास इस शब्द पर बौद्धिक संपदा का अधिकार है। मुझे लगता है कि अमित शाह के अलावा किसी को भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “वह पिछले पांच साल से इन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं… लोग जवाब देंगे क्योंकि (वह) लोगों को इतने अपमानजनक तरीके से बुला रहे हैं… हमने जाति, पंथ, धर्म से ऊपर उठकर काम किया है।”
हैदराबाद 40 वर्षों से अधिक समय से श्री ओवैसी की एआईएमआईएम का गढ़ रहा है। भाजपा अब अपने उम्मीदवार माधवी लता के लिए जोरदार प्रचार अभियान के साथ इस निर्वाचन क्षेत्र में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।
श्री शाह ने कहा, “40 वर्षों से, रजाकारों के प्रतिनिधि हैदराबाद पर शासन कर रहे हैं। इस बार, हम शहर को उनसे छुटकारा दिलाने के लिए लड़ रहे हैं। सभी को मतदान करना चाहिए और शहर को मुख्यधारा में लाने का प्रयास करना चाहिए।”
रजाकार अर्धसैनिक स्वयंसेवक थे, जिन्होंने 1947 में भारत की आजादी के बाद हैदराबाद राज्य को स्वतंत्र रखने में निज़ाम सरकार की मदद करने की कोशिश की थी। 17 सितंबर, 1948 को रियासत का भारत में विलय हो गया।
श्री शाह की टिप्पणियों ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद वलीउल्लाह समीर सहित कई लोगों को नाराज कर दिया था, जिन्होंने सवाल किया था कि मंत्री ऐसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं जिनका उस दिन की घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में पूछा, “केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा इस विभाजनकारी कथा को क्यों बढ़ावा दिया जा रहा है।”