कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश:
पुलिस ने एक निजी अस्पताल के संचालक और उसके सहयोगी को उप-मंडल मजिस्ट्रेट के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जब वह उस अस्पताल का निरीक्षण करने गए थे, जिसे कथित तौर पर “अनियमितताओं” के लिए 19 जून को सील किए जाने के बावजूद अवैध रूप से चलाया जा रहा था।
शनिवार रात को जिलाधिकारी (चायल) योगेश कुमार गौड़ को सूचना मिली कि सील होने के बावजूद अस्पताल चल रहा है। एसडीएम जब अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने मोबाइल से अस्पताल का वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
क्षेत्राधिकारी (चैल) मनोज सिंह रघुवंशी ने बताया, “यह देखकर अस्पताल संचालक डॉ. निसार अहमद और उनके सहयोगी यासिर अहमद ने लोक सेवक के कार्य में बाधा पहुंचाई, उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया।” उन्होंने बताया कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
थाना पिपरी पुलिस टीम द्वारा सरकार के कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले 02 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। विधिक कार्यवाही के पश्चात माननीय न्यायालय भेजा गया।#पुलिस को#कौशाम्बीपुलिसpic.twitter.com/c9vjl5ROmF
— कौशाम्बी पुलिस (@kaushambipolice) 23 जून, 2024
सीओ ने बताया कि उनके खिलाफ रविवार को आईपीसी की धारा 392 (लूट के लिए सजा), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से विरत करने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 406 (आपराधिक विश्वासघात के लिए सजा) और 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत मामला दर्ज किया गया।
श्री रघुवंशी ने बताया कि पिपरी थाना क्षेत्र में स्थित निजी अस्पताल को अनियमितताएं पाए जाने पर 19 जून को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुष्पेन्द्र कुमार ने सील कर दिया था।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)