भारतीय हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश ने पुष्टि की है कि आगामी ओलंपिक अंतरराष्ट्रीय हॉकी में उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा।
श्रीजेश ने अपने एक्स अकाउंट पर राष्ट्रीय टीम के साथ अपने 18 साल के करियर को याद करते हुए लिखा, “जब मैं अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपने अंतिम अध्याय की दहलीज पर खड़ा हूं, तो मेरा दिल कृतज्ञता और आत्मचिंतन से भर गया है। यह यात्रा असाधारण से कम नहीं रही है, और मैं अपने परिवार, साथियों, कोचों और प्रशंसकों से मिले प्यार और समर्थन के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।”
उन्होंने कहा, “मुझे अभी भी याद है कि मेरे पिता ने मेरी पहली किट खरीदने के लिए हमारी गाय बेच दी थी। उनके बलिदान ने मेरे अंदर एक आग जला दी, जिसने मुझे और अधिक मेहनत करने और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित किया।”
श्रीजेश ने 2006 में भारत के लिए पदार्पण किया और सीनियर टीम के लिए 328 मैच खेले हैं।
अनुभवी गोलकीपर ने टीम की कप्तानी भी की। उनके नेतृत्व में ही भारत ने 2016 रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया था।
जैसा कि उन्होंने कहा, उनके करियर का सबसे महत्वपूर्ण क्षण भारत का 2020 टोक्यो ओलंपिक अभियान था, जब श्रीजेश ने 1980 के बाद से हॉकी में भारत को अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
श्रीजेश ने कहा, “टोक्यो 2020 में हमारा ओलंपिक कांस्य पदक जीतना एक सपना सच होने जैसा था। आंसू, खुशी, गर्व – यह सब इसके लायक था।”
श्रीजेश 2022 बर्मिंघम खेलों में रजत और पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे।