नई दिल्ली:
यहां एम्स ट्रॉमा सेंटर में 2022 में एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में दोपहिया वाहनों पर पिछली सीट पर बैठने वालों में से 40 प्रतिशत लोग हेलमेट का उपयोग नहीं करते थे, जिसके कारण उनके सिर में चोटें आईं।
एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. कामरान फारूक ने कहा, हालांकि, डेटा से पता चला है कि दोपहिया वाहनों के लगभग 85 प्रतिशत सवारों ने हेलमेट का इस्तेमाल किया था, जबकि बाकी ने सुरक्षात्मक गियर नहीं पहने थे, जिससे सिर में चोटें आईं, जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु या रुग्णता हुई।
उन्होंने 21 जनवरी से 22 दिसंबर के बीच केंद्र में एकत्र किए गए आंकड़ों का हवाला दिया।
उन्होंने आगे बताया कि आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में अस्पताल में मृत लाए गए मरीजों में से लगभग 82 फीसदी मरीज सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हुए थे।
डॉ. फारूक ने आगे कहा कि अस्पताल में 2022 में 53,541 ट्रॉमा मरीज आए, जिनमें से लगभग 25 प्रतिशत सड़क दुर्घटना के शिकार थे।
डॉ. फारूक ने कहा, सड़क दुर्घटना के शिकार ज्यादातर लोग 20 से 40 साल की उम्र के थे। चूँकि यह आयु वर्ग सबसे अधिक सक्रिय और उत्पादक है, इसलिए इनके दुर्घटनाओं का शिकार होने से न केवल उनके परिवारों पर बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा, “इसलिए, एक संगठित प्रणाली होनी चाहिए ताकि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल मदद और इलाज मिल सके।”
(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है।)