बेंगलुरु:
कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने पश्चिमी घाटों सहित राज्य के संपूर्ण घाट क्षेत्रों में अवैध रिसॉर्ट्स, होम स्टे और सभी वन अतिक्रमणों को हटाने के लिए ‘वन और पश्चिमी घाट अतिक्रमण निकासी कार्य बल’ का गठन किया है। पश्चिमी घाटों के अंतर्गत 10 जिले आते हैं।
मंत्री ने एक बयान में कहा कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख के नेतृत्व में यह टास्क फोर्स गठित की गई है और यह आज से ही पश्चिमी घाट और अन्य घाट क्षेत्रों में वन अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाएगी।
ईश्वर खांडरे ने शुक्रवार को वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पश्चिमी घाट क्षेत्र में 2015 के बाद हुए सभी वन अतिक्रमणों को हटाने के आदेश जारी करने और एक महीने के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
पड़ोसी राज्य केरल के वायनाड और उत्तर कन्नड़ जिले के शिरूर में भूस्खलन के कारण हुई भयानक त्रासदियों, जिसके परिणामस्वरूप जानमाल का नुकसान हुआ, की ओर इशारा करते हुए ईश्वर खांडरे ने कहा कि हजारों वर्षों से मौजूद पहाड़ियां गायब हो गई हैं, शिराडी घाट, चारमाडी घाट सहित राज्य के पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार भूस्खलन हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अभी नहीं जागे तो अगली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी।’’ मंत्री ने कहा कि 2015 के बाद घाट क्षेत्रों में वनों में अतिक्रमण के संबंध में उन सभी मामलों में निकासी अभियान चलाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं जहां 64ए (कर्नाटक वन अधिनियम) की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
सहायक वन संरक्षक (एसीएफ), उप वन संरक्षक (डीसीएफ), वन संरक्षक (सीएफ), मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ), अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) को वन अतिक्रमण मामलों की जांच करने और 64ए के तहत आदेश जारी करने की अनुमति है।
उन्होंने आगे कहा, “सभी लंबित 64ए मामलों को शीघ्रता से निपटाने के लिए, एसीएफ से ऊपर के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सप्ताह में दो दिन अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यवाही करें और जल्द से जल्द आदेश जारी करें।” कर्नाटक वन अधिनियम की धारा 64ए वन भूमि के अतिक्रमण और अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने के तरीकों से संबंधित है।
ईश्वर खांडरे ने कहा कि उन्होंने टास्क फोर्स को निर्देश दिया है कि वे अदालतों में पहले से लंबित मामलों के निपटारे के लिए महाधिवक्ता के परामर्श से उचित कार्रवाई करें।
सबसे पहले जंगलों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण करके बनाए गए अवैध रिसॉर्ट और होमस्टे को खाली करने और फिर बागानों और इमारतों को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। “कानून के सामने सभी समान हैं। पश्चिमी घाटों पर अतिक्रमण करने वाले और व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसी गतिविधियों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती।” पश्चिमी घाट क्षेत्र में सड़कों के उन्नयन और विस्तार के दौरान 90 डिग्री के कोण पर पहाड़ी को अवैज्ञानिक तरीके से काटने के कारण भूस्खलन होने का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि इस तरह का काम करने वाले ठेकेदारों और इंजीनियरों को भी नोटिस दिया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को एनडीटीवी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से प्रकाशित किया गया है।)