कंजर्वेटिव सांसद मार्को लोंगही को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा है, क्योंकि उन्होंने एक सार्वजनिक पत्र लिखकर डुडले नॉर्थ में ब्रिटिश पाकिस्तानी समुदाय से ब्रिटेन के चुनावों में उनके लिए वोट करने का आग्रह किया था, जिसमें उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला था कि कैसे उन्होंने हमेशा भारत की “कश्मीर में अवैध कार्रवाइयों” की निंदा की है।
ब्रिटेन में 4 जुलाई को चुनाव होने हैं, जहां ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ेगा।
ईद-उल-अजहा के अवसर पर लिखे अपने पत्र में लोंगही ने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार वह कश्मीर के लोगों के प्रति भारत सरकार के “अत्याचारों” के खिलाफ बोलने में सबसे आगे रहे हैं और उन्होंने पूछा, “संसद में कश्मीर के लिए कौन बोलेगा?”
भारत अपने इस रुख पर अडिग है कि जम्मू और कश्मीर, लद्दाख सहित, भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं।
पत्र में कहा गया है, “हाल ही में हमने (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी की भाजपा को भारत में दोबारा निर्वाचित होते देखा है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में कश्मीर के लोगों के लिए और भी कठिन समय होगा।”
इसमें आगे कहा गया है, “नरेंद्र मोदी ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि वह कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने जा रहे हैं, जिसका मतलब होगा कि कश्मीरियों के सभी संप्रभु अधिकार और उनकी विशेष स्थिति को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।”
मतदाताओं से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के मुकाबले उन्हें जिताने की अपील करते हुए लोंगही ने वचन दिया कि वह संसद में कश्मीर के लिए अपनी आवाज और भी अधिक उठाएंगे।
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पर निशाना साधते हुए लेबर पार्टी के राजेश अग्रवाल ने पत्र को “समुदायों को विभाजित करने का शर्मनाक प्रयास” कहा, जो मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के लिए अपमानजनक है।
लीसेस्टर ईस्ट से लेबर पार्टी के संसदीय उम्मीदवार अग्रवाल ने कहा, “लोंगही जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, उसके प्रति शून्य सहिष्णुता होनी चाहिए।”
उन्होंने ट्वीट किया, “ऋषि सुनक को पार्टी से पहले देश को प्राथमिकता देनी चाहिए और लोंगही के अभियान के लिए अपनी पार्टी का समर्थन तुरंत वापस लेना चाहिए तथा ब्रिटिश भारतीयों को अलग-थलग करने के प्रयास के लिए माफी मांगनी चाहिए।”