68 कंपनियां फर्जी बिलिंग में संलिप्त पाई गईं।
चंडीगढ़:
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य कर विभाग की प्रवर्तन शाखा की जांच में हजारों करोड़ रुपये के फर्जी बिल घोटाले का खुलासा हुआ है।
सोने का कारोबार करने वाली दो फर्मों ने 860 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए, जबकि लोहे का कारोबार करने वाली 303 फर्में 4,044 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाने में संलिप्त पाई गईं।
इसके अतिरिक्त, 68 कंपनियां दूसरों के नाम पर अपनी कंपनियां पंजीकृत कराकर 533 करोड़ रुपये का फर्जी बिल बनाने में संलिप्त पाई गईं।
चीमा ने कहा कि अमृतसर में सोने का कारोबार करने वाली एक फर्म के निरीक्षण पर प्रवर्तन विंग ने पाया कि सोने की खरीद-फरोख्त के लिए 336 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए गए थे।
उन्होंने कहा कि जिन दो फर्मों से फर्म ने सोना खरीदा था, उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है तथा इन फर्मों के पास सोना खरीदने का कोई रिकार्ड नहीं है।
सोने के लेनदेन में इसी तरह की हेराफेरी करने वाली लुधियाना स्थित कंपनी का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि इस कंपनी ने 424 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों के आधार पर सोने की खरीद-फरोख्त की।
उन्होंने कहा कि इस मामले में भी जिन दो फर्मों से सोना खरीदना दिखाया गया है, उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। साथ ही, इन फर्मों के पास सोना खरीदने का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
303 फर्मों द्वारा 4,044 करोड़ रुपये के लोहे की फर्जी खरीद-फरोख्त के बारे में जानकारी देते हुए चीमा ने कहा कि इनमें से 11 फर्में पंजाब में, 86 फर्में अन्य राज्यों में तथा 206 फर्में केंद्र सरकार में पंजीकृत हैं।
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