चाणक्य नीति
के
10 अनमोल विचार

जो व्यक्ति श्रेष्ट होता है
वो
सबको ही अपने समान मानता है

कभी भी अपनी कमजोरियों को दुसरे के सामने नही बताना चाहिए ये अपने लिए ही अहितकर हो सकता है.

जिसे समय का ध्यान नही रहता है यह व्यक्ति कभी भी अपने जीवन के प्रति सचेत नही हो सकता है

किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शत्रु का साथ कभी नही लेना चाहिए वरना जीवन भर उसके आगे झुकना पड़ सकता है

अपने गहरे राज किसी से प्रकट नही करना चाहिए क्यूकी वक्त आने पर हमारे यही राज वे दुसरे के सामने खोल सकते है

हमेसा खुश रहना दुश्मनों के दुखो का कारण बनता है और खुद का खुश रहना उनके लिए सबसे सजा है

व्यक्ति हमेसा हमे गुणों से ऊचा होता है ऊचे स्थान पर बैठने से कोई व्यक्ति ऊचा नही हो जाता है

शिक्षा ही हमारा सबसे परम मित्र है शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है

न्न के अलावा किसी भी धन का कोई मोल नही है और भूख से बड़ी कोई शत्रु भी नही है

संकट के समय हमेसा बुद्धि की ही परीक्षा होती है और बुद्धि ही हमारे काम आती है

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